Friday 30 September 2011

sachi hakikat ka zindgi ka eshash

ZINDGI  ME  WAQT  KISI   KA   SAGA   NAHI    HOTA ,

YE  SABKO UNKE BURE WAQT PE   HI PATA hai     CHALTA ...


HUM  GILLA  KYU  KARE  KISI  DOST   SE ...,
JAB DOSTI KI MIYAD ACHE WAQT  TAK HI MUKRAR REHTA ..


JITNA MARJI  DOST AUR RISHTO ME WAQT BITA LO ...,
BURE WAQT PE AADMI       " AKELA " HI BAS REHTA ..


AGAR BANDE NE ANZANE ME KIYE HO KOI ACHE KAAM..,
TO KHUDA KISI ANZANO  SE  HI  MADAD  HAI  BHEJTA ...


YE ZINDGI KA SABSE BURA TAJURBA HAI ... DOST !
KI .. BURE WAQT PE NA KOI DOST , AUR NA HI KISI DOSTI KA NAMONISHANT REHTA ..


HAR BANDA IS HAKIKAT KO JANTA HAI ...,
PAR APNE MARZI SE HI .... ISS SACHI HAKIKAT SE ANZAN HAI REHTA ...


Tuesday 27 September 2011

जिगर को और बुलन्द कीजिये..

जिगर चहिये सच को कबूलने का..
मर्दे जुबान चहिये सच को वसूलने का
हौसला रखो, तो झूठ कभी सिर चढ़ कर ना बोले,
क्युकि सौ झूठ  को असर चाहिये, एक सच को झुठ्लाने का..।

ज़िन्दगी पे लानत भेजो, जो बुजदिली से जी जाये,

जिगर को बुलन्द करो कि सच भी  तुम्हारी जुबान पे सज़ जाये.. 
क्या हैरत है की बिन पिये ही..
ज़िन्दगी ए सुरुर मे गुल गुलशन गुलफाम हो जाये..।





Monday 26 September 2011

घड़ी भर सोच लो कि मै क्या हूँ ..?? मै टिक-टिक करती एक हसीना हूँ !

मैं टिक-टिक करती एक हसीना हूँ ...
जो न चले मेरे इशारे उसकी कभी ना हूँ ।
मैं हूँ तो फनकार बहुत बड़ी ! 
पर मेरी आवाज़ रोते बिलखते ही सुनते...
हँसने वाले के लिये बस दो कमजोर सुईयाँ हूँ ।
कम अक्ल हैं वो ! समझते नही मुझको...
मैं ही हर ख्वाहिशमंद और जोशीले के लिये,
इक्छाधारी नगीना हूँ...।

वैसे तो खुदा ने मुझे इजाद ही इसी वजह से किया...

मैं ही आज और आने वाले कल के लिबास में, 
चमकता एक  नगीना हूँ ...।

तो मैं कौन ????? 
मै टिक-टिक करती एक हसीना हूँ ....।





 

बहुत बुनियादी ख्याल है .... " ज़िन्दगी का "

हर घाव भरते वक़्त खुजाल  बडा देता है .. 
खुदा भी ढा  शातीर  है .. उंगलियो के नाखुन बढा देता है .. 


बस ..एक गलती करके देखीये साहिब ..
भरते घाव को नाशुर बना देता है .. 



ज़िन्दगी हर लम्हा बुनियादी सिख देती है .. दोस्त !!!
हर गलती इंसान को कुछ न कुछ तो सिखा ही देता है .. 


बस अच्छा हो या बुरा वक्त उसको न भुल जिसने कयनात बनाई.. 
यदी उसे भुल बेठा .. तो वो तुझसे सवाल पुछ्ने के हक भी छुडा लेता है .. 

उसकी मर्जी पे सारी कुदरत चलती है .. 
जो तू आज बोयेगा वही दरख्त वो तेरे गुलशान या विराने मे खिला देता है .. 
"

Wednesday 21 September 2011

ये क्यूँ होता है ज़िन्दगी के साथ !!!!!!

ये क्यूँ  होता है ज़िन्दगी के साथ,
कोई रो देता है बहुत हँसने के बाद..।

हर चीज़ से जुड़ी होती है यादें,
दिल तड़प के रोता है, उन्हे खो देने के बाद..।


ये मंज़र न बना रहेगा ता-उम्र !
कि साख पे पत्ता न आये, खिज़ा होने के बाद ।


गर्दिश मे रहे तेरा तारा तो न हो दुखी 
हँसाता  है खुदा रुला लेने के बाद..।

Sunday 18 September 2011

रफ्ता रफ्ता ज़िन्दगी की मियाद घट रही ...

रफ्ता रफ्ता ज़िन्दगी की मियाद घट रही ...
खुदा की बिझाई विस्साद पे कभी प्यादा तो कभी बजीर बनाई जाती रही ..  
और ताजुब तो ये है की हर सांस कभी लड़ रही तो कभी सहेली बन रही .. 
रफ्ता रफ्ता जिन्दगी की मियाद घट रही .. 
कोई समझता तो कोई बिन समझे चला जाता है 
इधर हर किसी की जिन्दगी उसके एह्शाश के मुताबिक चल रही .



एक रोज ख़ामोशी से बेठ के  याद कर लेना..
आखिर किधर थी और जिंदगी किधर पहुच रही .. 



  

ज़िंदगी में बेशुमार मिठास रहती है ....!





ज़िंदगी प्याज़ के गलूदे के समान होती है 
जितना मर्जी नोच लो ......!
ज़िंदगी ही ज़िंदगी बेशुमार इसमें रहती है ।

हम ही इसे गोल-गोल, टेढ़ी-मेढ़ी, 
जलेबी की तरह बना देते हैं .....!
पर आख़िरी में मिठास ही मिठास रहती है ।

Tuesday 13 September 2011

kyuki issi ka naam hai " ZINDGI "

जिल का नामोनिशान नहीं है ऐ जिंदगी .. 
आगे फिर एक चोराहा जाना किधर है ज़िन्दगी 
राह लम्बी सुनी  बहुत है ,,, नहीं मिलता मुकाम जिंदगी
 
,
जाना किधर है ? करना है क्या? पड़े है ऐसे हजारो सवाल ऐ जिंदगी 
राह पर निकलने  के  पहले मुझे कुछ फिर डरा देता है .. 
आगे फिर एक चौराहा है ज़िन्दगी.. मूडना कहाँ है ? ऐ जिन्दगी 
बुजदिली को लानात भेजो .. जिंदादिली का नाम है जिंदगी 
तो मंजिल हो कोई भी होसला न करना कम क्युकी इसे का नाम है जिंदगी **

Saturday 10 September 2011

kash samjhte kaynaat ka har manjori nama !!

कायनात का यही दस्तूर है  यही होता है 
जैसा बिज बोयेंगे दरख्त वैसा ही पैदा होता है 
कायमत क दिन मीं पर ही मुकर्रर होता है 

हमने जो किया किसी के साथ वही हमारे साथ होता है 
बस ये समझ लो जमीं पर जन्नत और जहनुम होता है 



रो नेकी तो नेकी हाथ लगेबदी का फल बदी ही होता है 
 मिलती है खुशी जब खुशी बंटेगे हम 
दिया हुआ गम पैदा होने वाले हजारो गम कि वज़ह होता है 


क्यू करें फिक्र कल की  जब हुमारे हाथ में आज का मुशत्कीन होता है 
अपने गुजरे कल को याद करके क्यू रोता है 
बस ये समझ ले आज में ही शोहराब है  आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है .. 



आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है 





dharakht : tree
mushtqin: fate
shorabaad: moon








dekhiye !!!!!!! thoda seham kar thoda hash kar par dekhiye :)

muskil ka daur hai ji dekhiye,
har chig mehgi ho rahi hai .. inshan ko shashta hota dekhiye !

tabiyat pe na jao ki sukun na milega..
chain aaram chiin lene wale jhute rishte dekhiye !

dekh kar har chig par kisi ki parchai si dikhti hai..
janab! dekhne ka aandaz badal raha hai dekhiye !

unki di hui har chig ko door bhi kar de..
par gaya sukun kis gali se aaye wo rashta dekhiye ..!

















jai gandpati ,,,siv nandan goori putra Ganesh :)

JAI GANESH GIRJA SUMAN, MANGAL MOORT NAAM TUMHARA !
KAOR KALYAN JAGAT KE DATA, BAS CHAHIYE ASHISH TUMHARA ..!!

AANKHO ME HAI NEER KAI, MAN ME HAI VYAKULTA KI DHARA...!
KIS RASHTE CHALU ME BHAGWAAN, DAG DAG ME HAI AB ANDHIYARA..!!

KIS MOOD PE ME MOD JAU, KYU CHOORAHE SA HAI JIWANT SARA...!
GATI YAHI HAI JIWANT KI YADI, PAL ME PURA KARO JIWANT HUMARA..!!

MAYA.MOH,KAAM,VILAS KRODH NE MERE JIWANT PREET LALSA KO MARA..!
KRUNANIDHI ! HARO PAAP MERE AKHRI HAI AB ASSH TUMHARA..!!

BAN JAYE MAN ARUN SA VISHAL.. PRKASHMIYE HO RISHTA PYARA..!!

maa!!!! sabki hoti pyari hai ...

nitanat gehre aandhkar me tu jyot rup si hai maa.
trishnamai ragishtaan me amirt dhara ki shroot hai maa,

bin kahe mere man ki vyatha ko jane, aise alokik shakti tujh me hai maa
,
ekaki nahi rahega jiwan har pal tera sneh,ashish sath rahega maa,

karu me wo har jatan ki, tere hotho pe sada hashi bani rahe .. etni shakti de de maa


Raag, anurag anupam anand ki pratibha ka anubhav hai tu maa

ye Anubhuti avinashi hai, arun ki abha si isme hai maa

aadya ki kripa se ritue rahe,, jisme jyoti nidhi ka sanghrahye hai maa

yugo se arrushi avinashi .. jisme yogesh sada rahe maa
 

geet kaise madhur ho ya prabal bin shudha aur rajesh-ish ke maa
samay jo gujra jojo bhi usme samarth annie time sa diya hai maa
humse jada koun jane ... meri maa sabse pyari hai maa