ज़िन्दगी.....!

"ज़िंदगी .....! जो एहसास खास बनाती है .... जज़्बातों में उतर निखारे जाती है । ज़िंदगी .....! फकत नाम न रह जाये ....लम्हा-लम्हा जो एहमियत अपनी बढ़ाती है ।"

Wednesday, 19 September 2012


Posted by अनुराग त्रिवेदी at 04:48 No comments:
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Tuesday, 4 September 2012

कभी तो रोता है ....


Posted by अनुराग त्रिवेदी at 06:56 6 comments:
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Posted by अनुराग त्रिवेदी at 06:53 No comments:
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अनुराग त्रिवेदी
मेरे बारे में : एक यही ख्याल आता है , क्या बताऊँ ... ? ------ या , मैं जो लिखूँ , उसी से बस पहचाना जाऊँ ! लिखा मेरा ही, वकार बना दे मेरा, अपने जज़्बात का आईना बन .. बस कुछ लिखी .. कुछ बिन लिखी बातों में सिमट जाऊँ । क्या पढ़ा, कैसे पढ़ा ... करता हूँ .. क्या करना चाहता हूँ ... अपने लिखे में ही, सारे सवालों के जवाब सा उतर जाऊँ । क्या बताऊँ ....... ? पढ़िए, समझिये ....! लिखता हूँ जो कहानी, उनके किरदारों के नेकी और उसूलों से असल सा कोई एक बना पाऊँ । हर किरदार जिन्दगी भर भूख के पीछे दौड़ता है ... उनकी असली भूख बंदगी, नेकी, और कामयाबी बनाऊँ यही सब है .......... इतना ही है ... फिलहाल ! ========================क्रमश :
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