"ज़िंदगी .....! जो एहसास खास बनाती है .... जज़्बातों में उतर निखारे जाती है । ज़िंदगी .....! फकत नाम न रह जाये ....लम्हा-लम्हा जो एहमियत अपनी बढ़ाती है ।"
सुन्दर एहसासों को समेटे अच्छी गज़ल...अनु
सुन्दर एहसासों को समेटे अच्छी गज़ल...
ReplyDeleteअनु