घड़ी भर सोच लो कि मै क्या हूँ ..?? मै टिक-टिक करती एक हसीना हूँ !
मैं टिक-टिक करती एक हसीना हूँ ...
जो न चले मेरे इशारे उसकी कभी ना हूँ ।
मैं हूँ तो फनकार बहुत बड़ी !
पर मेरी आवाज़ रोते बिलखते ही सुनते...
हँसने वाले के लिये बस दो कमजोर सुईयाँ हूँ ।
कम अक्ल हैं वो ! समझते नही मुझको...
मैं ही हर ख्वाहिशमंद और जोशीले के लिये,
इक्छाधारी नगीना हूँ...।
वैसे तो खुदा ने मुझे इजाद ही इसी वजह से किया...
मैं ही आज और आने वाले कल के लिबास में,
चमकता एक नगीना हूँ ...।
तो मैं कौन ?????
मै टिक-टिक करती एक हसीना हूँ ....।
shubhanallha !!!!!!!!!!!!!
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