कायनात का यही दस्तूर है यही होता है
जैसा बिज बोयेंगे दरख्त वैसा ही पैदा होता है
कायमत क दिन जमीं पर ही मुकर्रर होता है
हमने जो किया किसी के साथ वही हमारे साथ होता है
बस ये समझ लो जमीं पर जन्नत और जहनुम होता है
करो नेकी तो नेकी हाथ लगे, बदी का फल बदी ही होता है
मिलती है खुशी जब खुशी बंटेगे हम ,
दिया हुआ गम पैदा होने वाले हजारो गम कि वज़ह होता है
क्यू करें फिक्र कल की जब हुमारे हाथ में आज का मुशत्कीन होता है
अपने गुजरे कल को याद करके क्यू रोता है
बस ये समझ ले आज में ही शोहराब है आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है ..
आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है
dharakht : tree
mushtqin: fate
shorabaad: moon
जैसा बिज बोयेंगे दरख्त वैसा ही पैदा होता है
कायमत क दिन जमीं पर ही मुकर्रर होता है
हमने जो किया किसी के साथ वही हमारे साथ होता है
बस ये समझ लो जमीं पर जन्नत और जहनुम होता है
करो नेकी तो नेकी हाथ लगे, बदी का फल बदी ही होता है
मिलती है खुशी जब खुशी बंटेगे हम ,
दिया हुआ गम पैदा होने वाले हजारो गम कि वज़ह होता है
क्यू करें फिक्र कल की जब हुमारे हाथ में आज का मुशत्कीन होता है
अपने गुजरे कल को याद करके क्यू रोता है
बस ये समझ ले आज में ही शोहराब है आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है ..
आज ही आने वाले कल कि बुनियाद होता है
dharakht : tree
mushtqin: fate
shorabaad: moon
Wah !!!!!!!!!! wah !!!!!!!!
ReplyDeletegod bless u : anand
param aadarniya , bhav vibhor ho gaye hum ab batao kis raaste chalna hai , aapke bataye chale to mukti pakka hai , aage to bhagvaan hi malik hai......................
ReplyDeletelot of sweet compliments & so many good wishes....