ये क्यूँ होता है ज़िन्दगी के साथ,
कोई रो देता है बहुत हँसने के बाद..।
हर चीज़ से जुड़ी होती है यादें,
दिल तड़प के रोता है, उन्हे खो देने के बाद..।
ये मंज़र न बना रहेगा ता-उम्र !
कि साख पे पत्ता न आये, खिज़ा होने के बाद ।
गर्दिश मे रहे तेरा तारा तो न हो दुखी
हँसाता है खुदा रुला लेने के बाद..।
कोई रो देता है बहुत हँसने के बाद..।
हर चीज़ से जुड़ी होती है यादें,
दिल तड़प के रोता है, उन्हे खो देने के बाद..।
ये मंज़र न बना रहेगा ता-उम्र !
कि साख पे पत्ता न आये, खिज़ा होने के बाद ।
गर्दिश मे रहे तेरा तारा तो न हो दुखी
हँसाता है खुदा रुला लेने के बाद..।
very gud dada.... aap to kamal ke shar h... keep it up
ReplyDeleteMAst hai bhaiya...lage raho
ReplyDeletebahot hi sundar abhivyakit Anuragji, specially these lines:
ReplyDeleteगर्दिश मे रहे तेरा तारा तो न हो दुखी
हशाता है खुदा रोला लेने के बाद..
i liked very much.....!