Tuesday 13 September 2011

kyuki issi ka naam hai " ZINDGI "

जिल का नामोनिशान नहीं है ऐ जिंदगी .. 
आगे फिर एक चोराहा जाना किधर है ज़िन्दगी 
राह लम्बी सुनी  बहुत है ,,, नहीं मिलता मुकाम जिंदगी
 
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जाना किधर है ? करना है क्या? पड़े है ऐसे हजारो सवाल ऐ जिंदगी 
राह पर निकलने  के  पहले मुझे कुछ फिर डरा देता है .. 
आगे फिर एक चौराहा है ज़िन्दगी.. मूडना कहाँ है ? ऐ जिन्दगी 
बुजदिली को लानात भेजो .. जिंदादिली का नाम है जिंदगी 
तो मंजिल हो कोई भी होसला न करना कम क्युकी इसे का नाम है जिंदगी **

1 comment:

  1. manzil koi bhi ho hoshlana karna kaam ... kyuki isi kanaam hai zindgi .... grt nice jst spechless :)

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